Operation Sindoor: आखिर क्यों पाकिस्तान ने तुर्किए के 'Songar' ड्रोन से भारत पर किया हमला, क्या है ये कोई जवाब या नई साजिश? पढ़ें इस रिपोर्ट में

- Rishabh Chhabra
- 09 May, 2025
नई दिल्ली: 8 और 9 मई की रात को भारत-पाक सीमा पर बड़ा ड्रोन हमला हुआ जिसने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया। पाकिस्तान ने इस हमले में तुर्किए (तुर्की) के बने 'सोंगर' (Songar) सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल किया। इन ड्रोन का इस्तेमाल भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की जानकारी जुटाने और सीमा पार हमले के लिए किया गया। विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी पुष्टि की। जानिए पाकिस्तान ने इन खास ड्रोन का इस्तेमाल क्यों किया और इसके पीछे क्या था असली मकसद।
36 जगहों पर एक साथ हमला
विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी के मुताबिक, पाकिस्तान ने 8-9 मई की रात 36 अलग-अलग स्थानों पर लगभग 300-400 सोंगर ड्रोन तैनात किए। इनका मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना के एयर डिफेंस की क्षमता की जांच करना और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था।वहीं सेना ने इनके कई ड्रोन मार गिराया और जिनकी जांच चल रही है।
तुर्किए का 'Songar' ड्रोन क्यों है खास?
Songar ड्रोन को तुर्किए की राजधानी अंकारा की डिफेंस टेक कंपनी Asisguard ने बनाया है। यह तुर्की का पहला स्वदेशी सशस्त्र ड्रोन सिस्टम है, जिसे 2019 में सेना में शामिल किया गया था। इसकी खासियतें इसे सीमा पार ऑपरेशन के लिए परफेक्ट बनाती हैं।
सशस्त्र ताकत:
सोंगर को ऑटोमैटिक मशीन गन, मिनी मिसाइल और 81 मिमी मोर्टार से लैस किया जा सकता है। यह वाहन, बंकर और दुर्गम ठिकानों को भी निशाना बना सकता है।
दूरी और निगरानी:
यह ड्रोन 5 किलोमीटर तक रियलटाइम वीडियो कैप्चर कर सकता है। इसमें डे-नाइट ऑपरेशन के लिए डे लाइट और इंफ्रारेड कैमरे लगे होते हैं। इसकी उड़ान क्षमता 25-30 मिनट (बिना भारी पेलोड) है।
ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी:
इसे मैनुअली और ऑटोमैटिक दोनों तरीकों से ऑपरेट किया जा सकता है। इसका ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम यूजर फ्रेंडली है, जिससे इसे चलाना आसान होता है।
खुफिया मिशनों के लिए मुफीद:
ड्रोन से कभी भी वीडियो रिकॉर्डिंग चालू या बंद की जा सकती है। यह 45 किलोग्राम वजन तक लेकर उड़ सकता है और 2800 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई तक काम कर सकता है।
पाकिस्तान का प्लान – ऑपरेशन सिंदूर का जवाब?
भारत द्वारा हाल ही में चलाए गए “ऑपरेशन सिंदूर” से पाकिस्तान की बौखलाहट सामने आई है। ऐसा माना जा रहा है कि यह ड्रोन हमला उसी का जवाब था। इन सशस्त्र ड्रोन का मकसद सीधे हमला नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा कवच को समझना और उसकी कमज़ोरियों की पहचान करना था।
ड्रोन ऑपरेशन के नेटवर्क को लेकर भारत की तैयारी
भारतीय सेना ने कई ड्रोन को समय रहते मार गिराया, जिससे एक बड़े हमले को टाल दिया गया। अब उनकी तकनीकी जांच जारी है, ताकि पाकिस्तान के ड्रोन ऑपरेशन के नेटवर्क और रणनीति को समझा जा सके।
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